🔱 पारद शिवलिंग: दिव्य ऊर्जा का स्रोत 🔱
पारद शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है और इसे घर या कार्यालय में स्थापित करने से न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता भी बनी रहती है। यह शिव कृपा को आकर्षित करने का एक प्रभावी साधन है, जो समस्त नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर देता है।
🌿 पारद शिवलिंग की पूजन विधि
- स्थापना: इसे किसी स्वच्छ स्थान पर पीले या लाल कपड़े पर स्थापित करें।
- शुद्धिकरण: गंगाजल, कच्चा दूध और पंचामृत से स्नान कराएं।
- पूजन सामग्री: बिल्वपत्र, चंदन, धूप, दीप, भस्म और अक्षत अर्पित करें।
- मंत्र जप: ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और भगवान शिव की स्तुति करें।
- अभिषेक: प्रतिदिन जल अर्पण करें और सोमवार को दूध, शहद व घी से अभिषेक करें।
🌟 पारद शिवलिंग के लाभ
✅ धन, समृद्धि और व्यापार में वृद्धि: इसे स्थापित करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
✅ नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: यह वास्तु दोष, पितृ दोष और ग्रह दोष को शांत करता है।
✅ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य: ध्यान और पूजा से मानसिक शांति मिलती है एवं रोग निवारण में सहायता मिलती है।
✅ ग्रह दोष निवारण: विशेष रूप से शनि और राहु-केतु के अशुभ प्रभावों को दूर करता है।
✅ शुभ विवाह और संतान प्राप्ति: योग्य जीवनसाथी एवं संतान सुख की प्राप्ति में सहायक है।
⚠ सावधानियाँ
- इसे अपवित्र स्थान, बाथरूम या रसोई में न रखें।
- शिवलिंग को छूने के बाद हाथ धोना आवश्यक है।
- पूजा के लिए शुद्धता बनाए रखें और उचित विधि से अभिषेक करें।
- इसे तामसिक भोजन, मांसाहार और नकारात्मक वातावरण से दूर रखें।
📢 पारद शिवलिंग को नियमित रूप से पूजा करने से अद्भुत परिणाम प्राप्त होते हैं। यह शिव कृपा को घर में बनाए रखता है और जीवन में सुख-शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने में सहायक होता है।
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